मेरा राम बस मेरा नहीं है... अगर उनका जन्म उसी बाबरी मस्जिद में हुआ था तो फिर उनका अस्तित्व वहा किये हर एक अज़ान में और प्रबल हुआ है....वो हर उस मुस्लिम के हैं जो वहा जाने अनजाने आया है अपनी आस्था का दीपक लिए. क्षमा और सहनशीलता की उस मिसाल को अपने इन जघन्य कृत्यों से बदनाम न करो. अगर करते भी हो तो अपने नाम पे करो..मेरे राम के नाम पे ये मत करो.
Sunday, December 6, 2009
राम
मेरे राम को ऐसे बदनाम मत करो...मुझे मेरे हिन्दू होने पर शर्मिंदा मत करो. मेरे राम के नाम पे ये मत करो.....हाँ उनका जन्म अयोध्या में बेशक हुआ था और मैं जानती हूँ की इस वजह से सारा अयोध्या पावन है... मगर किसी एक चप्पे पे उनका नाम लिखने को सारे शहर को लहुलुहान मत करो. राम के नाम पे मरने मिटने वालो ये तो बताओ की वो अयोध्या का कौन सा कोना है जो पावन नहीं है? मेरा भगवन जहाँ है मेरा मंदिर वही है...फिर चाहे उसकी शकल तुम जिसे मस्जिद कहते हो उससे ही क्यूँ न मिलती हो. राम असत्य पे सत्य की विजय का नाम है, अधर्म पे धर्म का की विजय का, क्षमा का नाम है, कमजोर और निहत्थे की ताकत बन्ने का.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment