हमने आग लगा दी है
दरख्तों को दरकिनार करके
कतरा कतरा करके यूँ लगायी है
की आग भी सहम जाए ऐसी गरमाई है
अब जलो तो सही की हम तमाशा देखें
किस कदर जलते हो तुम इसका नजराना देखें
सब कुछ हार जाने की बड़ी तलब सी जगी है
पर जो हमसे और हमपे सब हार गया
ये महफ़िल सिर्फ उसके लिए सजी है
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